Thursday, April 29, 2010

साँसे

इश्क करके तुमसे,
मैंने इश्क को पहचाना,
दुआ करते थे जिस इश्क की,
तुमसे मिलकर उस इश्क को जाना,
चेहरा देखा नहीं करता इश्क,
यह तो बस दिल की आवाज समझाता है,
तुझे बाहों में लकर मुझे कुछ अजब सा नशा चदता है,
तेरे साँसों में गुजरे जिंदगानी,
यही हर पर मेरा दिल दुआ करता है.

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